पंचायत चुनाव लड़ने की पात्रता में होगा संशोधन, दो से अधिक संतान वालों को अब राहत। लेकिन केवल 25 जुलाई 2019 से पहले की संतानें होंगी मान्य
देहरादून: उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी राहत की खबर सामने आई है। राज्य सरकार अब उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम 2016 में संशोधन करने जा रही है, जिसके तहत पंचायत चुनाव लड़ने के लिए दो से अधिक संतान रखने वालों को छूट मिल सकती है। बशर्ते कि ये संतानें 25 जुलाई 2019 से पहले जन्मी हों।
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सरकार इस संशोधन को लागू करने के लिए एक अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। इसका सीधा लाभ उन जन-प्रतिनिधियों को मिलेगा, जिनकी तीसरी संतान 2019 से पहले हुई है और जो वर्तमान कानून के तहत चुनाव लड़ने से वंचित थे।
उत्तराखंड में इतनी सीटों पर होंगे चुनाव
राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के तहत, हरिद्वार जिले को छोड़कर, नए परिसीमन के बाद निम्नलिखित स्थानों पर चुनाव होने हैं:
- 7514 ग्राम पंचायतों।
- 2936 क्षेत्र पंचायतों।
- 343 जिला पंचायतों।
- 55640 ग्राम वार्ड।
इस बार चुनाव में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवारों को ध्यान रखना होगा कि यदि उनकी दो से अधिक जीवित संतानें हैं और वे 25 जुलाई 2019 से पहले जन्मी हैं, तो वे पंचायत चुनाव में भाग ले सकते हैं। यदि यह शर्त पूरी नहीं होती, तो वे किसी भी पंचायत पद के लिए अयोग्य माने जाएंगे।
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संशोधन की आवश्यकता क्यों?
2016 में लागू उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम के अनुसार, दो से अधिक संतान रखने वाले उम्मीदवार चुनाव लड़ने के अयोग्य थे। लेकिन हाल ही में हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद यह निर्णय लिया गया है कि अधिनियम में संशोधन कर कट ऑफ डेट तय की जाए, जिससे कई नेताओं को राहत मिल सके। पंचायतीराज विभाग ने इस आशय का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है और जल्द ही इसे लागू किए जाने की उम्मीद है।